कितने लोगों से सुना यह मैंने
हमारा बचपन कहीं खो गया है
सुबह ब्लैकबेरी का सूट पहन कर
जूतों को चमका कर
बड़ा सा स्मार्ट फ़ोन ले कर
जब में अपनी मेहेंगी सी गाडी on करता हूँ
तब में अपनी हैसियत पे फुले नहिं समाता
कितनी पढ़ाई और कितनी मेहनत के बाद में पहुंचा हूँ इस मुकाम पे
frequent flyer , 5 स्टार hotel अब मेरे हैं AMEXकार्ड पे
पर जब में सुबह से थक कर लेटता हूँ उस उम्दा होटल के कमरे में
बार बार यही सोचता हूँ की क्या मैंने पा लिया है सब कुछ?
शायद कहीं कुछ् रह गया है
जो में ढूंढता हूँ weekend पे
क्यों में हिम्मत नहीं कर पता अपने ख्वाबों को जीने की
बस मन टीस भरता है एक ख़ुशी पाने की
एक बार वह बचपन फिर आ जाए
जहाँ सिर्फ खेल ,खाना और माँ का प्यार समाये
लेकिन फिर मैंने देखी एक मासूम हंसी
वही खिलखिलाहत और जीवन से भरी
मैंने सोचा,अपने लिए तो सब जीते हैं
खाते ,पीते,खेलते और कमाते हैं
बस एक बार एक चेहरे पे हंसी लाके तो देखो
एक बच्चे को प्यार करके तो देखो
बचपन फिर आ जाएगा
इतनी मासूमियत अपने अंदर ले के तो देखो
कौन कहता है खो गया बचपन
बस एक बार पंख लगा तो देखो
Posted from WordPress for Android